पोस्ट विवरण
सुने
फल
आम
बागवानी
कल्पना
कृषि विशेषयज्ञ
2 year
Follow

आम की उन्नत संकर किस्में एवं पौधा रोपण का सही समय

आम की उन्नत संकर किस्में एवं पौधा रोपण का सही समय

हम सभी देशवासियों के लिए यह गर्व कि बात है कि आम उत्पादन में भारत का पूरे विश्व में पहला स्थान है। हमारे देश में उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, बिहार, गुजरात एवं तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर आम की खेती की जाती है। एक बार आम के पौधे लगा कर कई वर्षों तक फल प्राप्त किया जा सकता है। अगर आप भी करना चाहते हैं आम की बागवानी तो इससे जुड़ी कुछ जानकारियां होना आवश्यक है। आइए आम की कुछ संकर किस्मों के साथ पौधों की रोपाई के लिए उपयुक्त समय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

पौधों की रोपाई का उपयुक्त समय

  • आम के नए पौधे लगाने के लिए जुलाई से अगस्त महीना सर्वोत्तम है।

  • अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा ऋतू के अंत में या सितंबर महीने में पौधों की रोपाई करनी चाहिए।

  • पौधों की रोपाई को शाम के समय करनी चाहिए।

कुछ उन्नत संकर किस्में

  • आम्रपाली : इस किस्म को दशहरी और नीलम के संकरण से तैयार किया गया है। इस किस्म के फल जून के आखिरी सप्ताह में पकने लगते हैं। फल मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं और इसकी गुठली पतली होती है। इस किस्म के वृक्षों की लम्बाई बहुत अधिक नहीं होती है इसलिए इसे घर की बगिया में भी आसानी से लगाया जा सकता है। प्रति एकड़ भूमि में 640 पौधे लगाए जा सकते हैं।

  • मल्लिका : इस किस्म के फल आकार में बड़े और खाने में स्वादिष्ट होते हैं। फल जून के आखिरी सप्ताह से पकने शुरू हो जाते हैं। दक्षिण भारतीय क्षेत्रों में इस किस्म की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस किस्म के फलों का अन्य देशों में निर्यात भी किया जाता है।

  • पूसा अरुणिमा : यह देर से पकने वाली किस्मों में शामिल है। इसके फल जुलाई के अंत में पकना शुरू होते हैं। फलों का आकार बड़ा होता है। इस किस्म के फलों की भंडारण क्षमता अधिक होती है। सामान्य तापमान में फलों को 10 से 12 दिनों तक आसानी से भंडारित किया जा सकता है।

  • अर्का नील किरण : इस किस्म को अलफांसो एवं नीलम के संकरण से तैयार किया गया है। इस किस्म के फल अंडाकार होते हैं। प्रत्येक फल का वजन 270 से 280 ग्राम होता है। पकने के बाद फल सुनहरे पीले रंग के हो जाते हैं।

  • सिन्धु : यह नियमित फल देने वाली किस्मों में शामिल है। इस किस्म के फलों में गुठली बहुत पतली एवं छोटी होती है। फलों का आकार मध्यम होता है। फलों में रेशे नहीं होते हैं।

इन किस्मों के अलावा हमारे देश में आम के कई अन्य संकर किस्मों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। जिनमे पूसा लालिमा, पूसा सूर्या, अरुणिका, अर्का अनमोल, रत्ना, अंबिका, पूसा श्रेष्ट, अर्का अरुणा, पूसा पीताम्बर, आदि किस्में शामिल हैं।

यह भी पढ़ें :

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान मित्र इस जानकारी का लाभ उठाते हुए इन किस्मों को लगा कर अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

19 Likes
Like
Comment
Share
banner
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ