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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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आम के फल में सड़न के मुख्य कारण जानें और समय से करें नियंत्रण

आम के फल में सड़न के मुख्य कारण जानें और समय से करें नियंत्रण

विश्व में आम का उत्पादन सबसे अधिक भारत में होता है। लेकिन फिर भी फल का उत्पादन कम पड़ता है। इसका कारण है - आम के बाग में लगने वाले रोग एवं बीमारियां, जिसके कारण फल का उत्पादन प्रभावित होता है। कई रोग ऐसे हैं, जिनके कारण फल पकने के दौरान या स्टोर करते समय सड़ जाता है। अगर समय पर इनकी देखभाल न की जाए तो फल खराब हो जाते हैं। आज इस आर्टिकल के मध्यम से किसानों को आम फल के सड़ने के कारण बता रहे हैं। जिनकी समय पर पहचान कर अधिक उत्पादन ले सकते हैं। तो जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।

  • पाउडरी मिल्ड्यू रोग : इस बीमारी पर फलों पर सफेद चूर्ण या पाउडर दिखाई देता है। इसके कारण आम के फल पर बैंगनी भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। बीमारी का अधिक प्रकोप होने पर आम की ऊपरी सतह फट जाती है। फटने से कीटाणु फल में प्रवेश कर इसको सड़ा देते हैं और उत्पादन कम हो जाता है।

  • इसकी रोकथाम के लिए बौर के निकलने के दौरान कवकनाशी दवा का 15 से 20 दिन के अंतराल पर तीन बार छिड़काव करें।

  • ब्लैक रॉट या काली सड़न : इस रोग से आम के फल पर शुरुआत में पीले, हल्के स्लेटी रंग के धब्बे बनते हैं। जो कुछ समय बाद काले रंग के हो जाते हैं। इन काले रंग के धब्बों पर फफूंद के बीजाणु दिखाई देने लगते हैं। जिस कारण से धब्बों के नीचे एवं आस पास का हिस्सा गलना शुरू हो जाता है और बदबू आने लगती है। कुछ समय पश्चात पूरा फल गल जाता है। फफूंद फल की डंडी वाले स्थान से भी अंदर घुस कर फल को सड़ाना शुरू कर देता है.

  • फलों को सड़ने से बचाने के लिए 0.05 प्रतिशत कार्बेन्डाजिम को गरम पानी में 5 मिनट के लिए डुबो कर उपचारित करें। इसके बाद ही फलों का भंडारण करें।

  • स्टेम एंड रॉट रोग : यह बीमारी आम के डंठल पर लगना शुरू होती है, जो धीरे-धीरे पूरे फल पर गोलाकार धब्बे बना कर फैल जाती है। बाद में फल का रंग काला पड़ जाता है। यह प्रक्रिया दो से तीन दिन में पूरे फल को सड़ा देती हैं। अगर फल पर कहीं कोई चोट या कट है तो सड़न उसी जगह से शुरू होती है। आमतौर पर यह रोग पके हुए फल में देखा गया है।

  • फलों की तुड़ाई से 15 दिन पहले कार्बेन्डाजिम या थायोफेनेट मिथाईल का छिड़काव करें, इससे तुड़ाई के बाद रोग पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

  • एन्थ्रेक्नोज या श्याम वर्ण : यह रोग एक तरह से फल में लगने वाला गुप्त रोग है, जो बाद में दिखाई देता है। इस रोग में आम के फल पर बहुत ही छोटे-छोटे धब्बे या निशान होते हैं। जो उस समय अच्छे से दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन जब फल को तोड़कर स्टोर किया जाता है तो उस समय यह रोग फल पर हमला कर इसको पूरा सड़ा देता है।

  • इसको नियंत्रण करने के लिए फल की तुड़ाई से पहले बाग में थायोफनेट मिथाईल या कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें।

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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और आम के फल को सड़ाने वाले कीट को नियंत्रण कर फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

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