घनी शाखाओं वाले आम के वृक्षों में हॉपर कीट का प्रकोप अधिक देखने को मिलता है। वृक्ष घने होने के कारण प्रत्येक वृक्षों को उचित मात्रा में सूर्य का प्रकाश एवं हवा नहीं पहुंच पाता है और कीट आसानी से वृक्षोंं पर अपना घर बना लेते हैं। यह कीट झुंड में आम के वृक्षों पर हमला करते हैं और पत्तों और आम की बौर का रस चूसते हैं। कीट सीधे तौर पर वृक्षों की प्रकाश संशलेषण कि क्रिया को प्रभावित करते हैं। जिससे पेड़ अपनी खुराक नहीं बना पाते हैं और फल गिरने लगते हैं। आम के वृक्षों पर हॉपर कीट एक गंभीर समस्या है, जो पैदावार में नुकसान का एक मुख्य कारण है। जिससे बचने के लिए कीट पर नियंत्रण शरूआती दौर में ही किया जाना चाहिए। आम के वृक्षों पर हॉपर कीट की समस्या के नियंत्रण के उपाय यहां से देखें।
आम के वृक्षों पर हॉपर कीट से होने वाले नुकसान
वृक्षों से फल गिरने लगते हैं।
हॉपर कीट से पत्तों पर शूटी मोल्ड बीमारी पनपती है, जो पत्तों को काला करने का कारण बनती है।
पत्ते भोजन नहीं बना पाते हैं।
पैदावार में कमी देखने को मिलती है।
कीट आम के पत्तों और फल का रस चूसते हैं।
आम के वृक्षों पर हॉपर कीट के नियंत्रण के उपाय
डायमेथोएट 30 ई.सी की 1.5 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में डालकर छिड़काव करें।
डैलटामैथरिन 28 ई सी 9 मिलीलीटर या फैनवैलारेट 20 ई सी 5मिलीलीटर या नींबीसाइडिन 1000 पी पी एम 20 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाकर पूरे वृक्ष पर छिड़काव करें।
नीम तेल 3000 पीपीएम की 2 मिलीलीटर मात्रा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
कीट का प्रकोप रहने पर हर 15 दिन बाद छिड़काव करते रहें।
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