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आलू : पहली सिंचाई
आलू : पहली सिंचाई
आलू की उन्नत कृषि के लिए सिंचाई प्रबंधन सबसे आवश्यक है। पानी की कमी से पौधों के विकास में बाधा आती है। इसके साथ ही कंद के निर्माण एवं विकास पर भी प्रतिकूल असर होता है। आलू की फसल में पहली सिंचाई को लेकर हमारे मन में कई तरह की उलझने रहती हैं। अच्छी फसल के लिए पहली सिंचाई कब करें इसकी जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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पहली सिंचाई पौधों के उगने के बाद करनी चाहिए।
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पहली सिंचाई बुवाई के करीब 10 से 12 दिनों के बाद करें।
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अगर बुवाई से पहले खेत में पलेवा नहीं किया गया है तो बुवाई के 2-3 दिनों के अंदर हल्की सिंचाई करना आवश्यक है। इससे प्रति पौधा कंद की संख्या में वृद्धि होगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
कुछ अन्य ध्यान देने वाली बातें
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सिंचाई करते समय खेत में तैयार की गई मेढ़ों की ऊंचाई के तीन चौथाई से अधिक पानी न भरें।
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खेत की मिट्टी में नमी 15 से 30 प्रतिशत तक कम होने पर सिंचाई करें।
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बलुई दोमट एवं दोमट मिट्टी में 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
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वहीं भारी मिट्टी में 10-12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
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खेत में कभी जल जमाव न होने दें।
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पौधों के अच्छे विकास के लिए 7 से 10 बार सिंचाई करनी चाहिए।
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इस पोस्ट में बताई गई बातों को ध्यान में रखकर सिंचाई करने पर आप आलू की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें साथ ही इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठाकर आलू की बेहतर फसल प्राप्त कर सकें। आलू की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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