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आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

आलू में अगेती एवं पछेती झुलसा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय

आलू के पौधों में झुलसा रोग का प्रतिकूल असर होता है। आलू में अगेती झुलसा रोग के साथ पछेती झुलसा रोग का प्रकोप भी होता है। इन रोगों से आलू के उत्पादन में भारी कमी आती है। फसल को इन रोगों से बचाने के लिए नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।

आलू में अगेती झुलसा के लक्षण

अगेती झुलसा रोग आल्टनेरिय सोलेनाई नामक कवक के कारण होता है। इस रोग से आलू की फसल को सबसे अधिक नुकसान होता है। इस रोग के लक्षण बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद नजर आने लगते हैं। पौधों की निचली पत्तियों पर छोटे - छोटे धब्बे उभरने लगते हैं। रोग बढ़ने के साथ धब्बों के आकार एवं रंग में भी वृद्धि होती है। रोग का प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां सिकुड़ कर गिरने लगती हैं। तनों पर भी भूरे एवं काले धब्बे उभरने लगते हैं। कंद आकार में छोटे रह जाते हैं।

अगेती झुलसा रोग पर नियंत्रण

  • इस रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर मैंकोज़ेब मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।

  • अच्छी पैदावार के लिए फफूंदनाशक के छिड़काव के 3-4 दिनों बाद 15 लीटर पानी में 10 ग्राम देहात पंच मिला कर छिड़काव करें।

आलू में पछेती झुलसा के लक्षण

पछेती झुलसा रोग फाइटोपथोरा नामक कवक के कारण होता है। इस रोग में पौधों की पत्तियां सिरे से झुलसने लगती हैं। प्रभावित पत्तियों पर भूरे एवं काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। पत्तियों के निचली सतह पर रुई की तरह फफूंद नजर आने लगते हैं। इस रोग के होने पर आलू की पैदावार में कमी आती है और कंदों का आकार भी छोटा रह जाता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है और कुछ दिनों में पूरी फसल नष्ट हो सकती है।

पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण

  • पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।

  • इसके अलावा 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम एन्ट्राकॉल मिला कर छिड़काव करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर कस्टोडिया मिला कर छिड़काव करें।

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हमें उम्मीद है यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान आलू की फसल को अगेती झुलसा रोग एवं पछेती झुलसा रोग से बचा सकें। आलू की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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