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आलू की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
Author : Dr. Pramod Murari

आलू की फसल में सकरी पत्तियों के साथ चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार भी पाए जाते हैं। लेकिन सकरी पत्तियों की तुलना में चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार अधिक होते हैं। अगर आप आलू की खेती कर रहे हैं तो आपकी खेत में बथुआ, मोथा, सेंजी, वनसोया, हिरणखुरी, बनप्याजी, बनगेहूं, जंगली जई, चौलाई, कृष्णनील, मकोय, दूब घास, पत्थरचट्टा, कासनी, अंकरी, आदि खरपतवारों की समस्या ज्यादा होती है। समय रहते अगर इन्हे नष्ट नहीं किया गया तो फसलों की पैदावार एवं गुणवत्ता में भारी कमी आ सकती है। यहां से आप आलू की फसल में खरपतवार नियंत्रण के कुछ उपाय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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खरपतवार पर नियंत्रण के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करते रहें।
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खरपतवारों को निकलने से रोकने के लिए बुवाई के 1 से 3 दिन के अंदर प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 700 मिलीलीटर पेंडीमेथिलीन 38.7 प्रतिशत सी.एस मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति एकड़ खेत में 200 ग्राम एट्राजिन का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसका प्रयोग बुवाई के 2-3 दिन के अंदर करें और फसल के अंकुरण से पहले करें।
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खरपतवारनाशक का प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी हो। नमी की कमी होने पर खरपतवारनाशक का असर कम हो सकता है।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप आलू की फसल में आसानी से खरपतवार पर नियंत्रण कर पाएंगे। यदि आपको यहां दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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30 October 2020
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