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आलू के फलों के फटने का कारण एवं नियंत्रण के तरीके
आलू के फलों के फटने का कारण एवं नियंत्रण के तरीके
इन दिनों कुछ क्षेत्रों से आलू के फलों में दरारें एवं फलों के फटने से किसान काफी परेशान हैं। आलू के फटने के बाद बाजार में उसकी बिक्री नहीं होती है। अगर बिक्री हो भी गई तो किसानों को इसके लिए उचित मूल्य नहीं मिलता है। जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अगर भी कर रहे हैं आलू की खेती और फलों के फटने की समस्या से हैं परेशान तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप फलों के फटने का कारण एवं इस पर नियंत्रण की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
आलू के फलों के फटने का कारण
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बोरोन की कमी होने पर आलू के फल फटने लगते हैं या फलों में दरारें आने लगती हैं।
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कैल्शियम की कमी भी फलों के फटने का प्रमुख कारण है।
आलू को फटने से बचाने के तरीके
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आलू को फटने से बचाने के लिए बोरोन का प्रयोग करें।
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बोरोन की कमी दूर करने के लिए प्रति लीटर पानी में 20 से 22 ग्राम देहात बोरोसोल मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा कैल्शियम का प्रयोग करने पर भी आलू के फलों को फटने से बचाया जा सकता है।
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ भूमि में 2 किलोग्राम कैल्शियम मिलाएं।
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इसके अलावा कैल्शियम की पूर्ति के लिए प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम कैल्शियम मिला कर प्रयोग करें।
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