पोस्ट विवरण
सुने
आलू
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
Follow

आलू के बीज का चयन

आलू के बीज का चयन

उत्तर भारत के कुछ राज्यों में किसान अक्टूबर महीने की शुरुआत में ही आलू की बुवाई का काम शुरू कर देते हैं। इसकी अच्छी पैदावार के लिए सबसे आवश्यक है बीज का चयन। बीज के चयन में हमें जरा सी गलती हुई तो पूरी फसल खराब हो सकती है। इस पोस्ट के माध्यम से आप आलू के बीज का चयन एवं बीज उपचारित करने की विधि देख सकते हैं।

बीज का चयन

  • उच्च गुणवत्ता की बीज के लिए स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि अनुसंधान केंद्र से बीज लें।

  • इसके अलावा आप किसी भी प्रमाणित खाद - बीज केंद्र से भी बीज ले सकते हैं।

  • बुवाई के लिए बीज का चयन करते समय सबसे पहले सड़े-गले कंदों को अलग कर देना चाहिए।

  • बुवाई के लिए पूर्ण रूप से अंकुरित कंदों का ही प्रयोग करना चाहिए।

  • कई आंखों वाली अंकुरित कंदों के प्रयोग से अधिक संख्या में बीज आकर के आलू प्राप्त होते हैं।

  • बीज के तौर पर करीब 40 से 50 ग्राम वजन वाले कंदों की बुवाई करनी चाहिए।

  • बुवाई के लिए संपूर्ण कंदों का प्रयोग करें। संपूर्ण कंद की बुवाई से प्रत्येक कंद से एक ही पौधा निकलेगा।

  • अगर कंद का आकर बड़ा है तो इसे काट कर प्रयोग कर सकते हैं।

  • कंद को काट कर बुवाई करने से उपज में वृद्धि होगी।

  • लेकिन यदि कोई कंद रोग से संक्रमित है तो आलू को काटने के लिए प्रयोग किए जाने वाले चाकू से अन्य कंद भी रोग से प्रभावित हो सकते हैं।

  • इससे बचने के लिए कंद को काटने के लिए चाकू को अच्छी तरह कीटाणुनाशक के घोल में डूबाने के बाद प्रयोग करें।

बीज उपचार

  • बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाज़िम से भी उपचारित किया जा सकता है।

इस पोस्ट में बताए गए तरीके से बीज का चयन एवं बीज उपचारित कर के आप बेहतर फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

53 Likes
22 Comments
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ