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आलू : इस तरह तैयार करें खेत, होगी बम्पर पैदावार
आलू : इस तरह तैयार करें खेत, होगी बम्पर पैदावार
विश्व में आलू के उत्पादन में भारत को तीसरा स्थान प्राप्त है। इसमें विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, आयरन , कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस, आदि कई पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। आलू की बेहतर पैदावार के लिए खेत की तैयारी पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। आइए आलू की खेती के लिए खेत की तैयारी पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
खेत तैयार करने की विधि
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खेत तैयार करते समय सबसे पहले मिट्टी पलटने वाली हल से 1 बार गहरी जुताई करें।
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जुताई करीब 25-30 सेंटीमीटर गहरी करें।
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खेत में मौजूद कंकड़, पत्थर, फसल एवं खरपतवारों के अवशेष को बाहर निकालें।
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इसके बाद कल्टीवेटर के द्वारा 3 से 4 बार हल्की जुताई करें।
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बेहतर पैदावार के लिए आखिरी जुताई से पहले प्रति एकड़ खेत में 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
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इसके अलावा प्रति एकड़ जमीन में 50 से 60 किलोग्राम यूरिया, 50 से 55 किलोग्राम डी.ए.पी. एवं 70 से 80 किलोग्राम पोटाश मिलाएं।
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उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए 8 किलोग्राम देहात स्टार्टर मिलाएं।
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कंदों के बेहतर विकास के लिए जुताई के बाद पाटा लगा कर मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
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बुवाई से पहले खेत में पलेवा करें।
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खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था करें।
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कंदों की बुवाई के लिए खेत में क्यारियां तैयार करें।
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सभी क्यारियों के बीच करीब 45 से 55 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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इन क्यारियों में 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर एवं 5 से 7 सेंटीमीटर की गहराई में बीज की बुवाई करें।
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आलू की खेती क्यारियां तैयार किए यानी समतल भूमि में भी की जा सकती है।
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समतल भूमि में खेती करने के लिए बीज की बुवाई के बाद खेत में मिट्टी चढ़ाई जाती है।
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