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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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आलू: बुवाई से पहले बीज उपचार है जरूरी

आलू: बुवाई से पहले बीज उपचार है जरूरी

आलू भारतीय रसोइयों में और सब्जियों में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। यह घरों में मौसम, इच्छा या स्वाद के अनुसार नहीं पकाया जाता है, अगर घर में मौजूद है तो किसी न किसी प्रकार के व्यंजन में घुलकर आप तक पहुंच ही जाता है। इसी प्रकार किसानों के बीच भी आलू एक सस्ती और आर्थिक फसल के रूप में जानी जाती है। भारत में यह फसल लगभग सभी राज्यों में उगाई जाती है और अगेती और पछेती फसल के रूप में सितंबर से नवंबर तक खेतों में बोई जाती है।

आलू एक कंद वाली सब्जी है, जिसके कारण फसल में कई प्रकार के मृदा जनित रोगों के प्रकोप का खतरा भी बढ़ जाता है। ये रोग न केवल फसल की गुणवत्ता को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं, बल्कि उत्पादन को प्रभावित कर फसल आय में गिरावट का भी बड़ा कारण बनते हैं। आलू में ऐसी ही समस्याओं को नियंत्रित एवं उन्हें पनपने से रोकने के लिए किसान बुवाई से पहले बीज उपचार जैसे तरीके अपनाते हैं। इसमें बीजों को रोपाई से पहले एक प्रकार के रासायनिक घोल में डुबोया जाता है, जिससे कंद या बीज को रोगों से लड़ने की क्षमता में अविश्वसनीय विकास होता है और पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है। आलू की फसल में बीज उपचार कई विधियों द्वारा किया जा सकता है जिसमें से कुछ आसान विधियों की जानकारी आप यहां देख सकते हैं।

बीज उपचारित करने का सही समय

  • बुवाई से करीब 24 घंटे पहले बीज को उपचारित करें।

बीज उपचारित करने की विधि

  • प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से उपचारित करें।

  • ट्राइकोडर्मा विरिडी की जगह प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेन्डाज़िम से भी उपचारित किया जा सकता है।

  • आलू में मृदा जनित एवं कंद जनित रोगों के नियंत्रण के लिए  MEMC 3% WS द्वारा या 3% बोरिक एसिड द्वारा भंडारण से पहले 0.25% की दर से 20 मिनट के लिए बीज उपचार अवश्य करें।

  • तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर बुवाई से पहले 250 ग्राम मेन्कोजेब को 100 लीटर पानी में घोलकर बीज उपचार करें। यह प्रक्रिया अधिक समय तक भंडारण में आलू को सड़ने से भी बचाती है।

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आलू में बीज उपचारण एवं इसकी खेती से जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। आप हमारे टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर संपर्क कर के कृषि विशेषज्ञों से परामर्श भी ले सकते हैं। इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करना न भूलें। कृषि से जुड़ी ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए जुड़े रहे देहात से।


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