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आलू
विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
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आलू : बुवाई के समय उर्वरक प्रबंधन

आलू : बुवाई के समय उर्वरक प्रबंधन

आलू की बेहतर पैदावार एवं उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना आवश्यक है। उचित मात्रा में उर्वरकों की पूर्ति नहीं होने पर पौधों के विकास में बाधा आती है। इसके साथ ही आलू की कंदों का आकार भी छोटा रह जाता है। वहीं आवश्यकता से अधिक मात्रा में खाद का प्रयोग करना भी फसलों के लिए हानिकारक है। इसलिए आलू की बुवाई के समय प्रयोग किए जाने वाले उर्वरकों की सही मात्रा की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए इस विषय में विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

  • आलू की बुवाई से करीब 15 दिनों पहले प्रति एकड़ खेत में 100 से 110 क्विंटल तक देशी खाद का प्रयोग करें।

  • इसके बाद खेत की अच्छी तरह जुताई करें।

  • इसके अलावा बुवाई के समय प्रति एकड़ भूमि में 100 किलोग्राम डीएपी का प्रयोग करें।

  • इसके साथ ही पोटाश की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में 75 किलोग्राम एमओपी का प्रयोग करें।

  • आप चाहें तो प्रति एकड़ भूमि में 150 किलोग्राम एनपीके खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं। एनपीके खाद में पोटाश मौजूद होता है। इसलिए अलग से पोटाश का इस्तेमाल न करें।

  • सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ खेत में 50 किलोग्राम कैल्शियम, मैग्नीशियम एवं सल्फर का उपयोग करें।

  • बेहतर पैदावार के लिए प्रति एकड़ भूमि में 40 किलोग्राम ऑर्गेनिक (जैविक) खाद का प्रयोग करें।

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