परवल की खेती में कई प्रकार के रोगों का रोकथाम
किसान भाइयों परवल की खेती मैं होने वाले कीटों की रोकथाम कैसे किया जाए जाने 👇
परवल लोकप्रिय एवं पौष्टिक सब्जी के रूप में काफी प्रचलित है। लेकिन इन दिनों इस पर कीट का काफी प्रकोप रहता है। इससे इसका बचाव करना आवश्यक है अभी उसपर कीड़े-मकड़ों का प्रकोप होता है।
लाल भृंग कीट :
परवल में पत्ती बनाने के समय इसका आक्रमण हो जाता है, और पत्तियों को खाकर छलनी कर देता है। इसके नियंत्रण के लिए गोयठे की राख में केरोसिन मिला कर पत्तों पर प्रात: काल छिड़कना चाहिए। नुवान का छिड़काव 3 मिली 10 लीटर पानी में घोल कर करना लाभकारी होगा।
फलों की मक्खी :
यह मुलायम फलों की त्वचा के नीचे अण्डे देती है जहां से इस कीड़े की गिडार फलों के गुद्दों को खाकर फलों को सड़ा देते हैं। जिससे फसल को भारी नुकसान होता है। इसके नियंत्रण के लिए मालाथियान 1-15 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। तेज धूप में दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए।
लाही :
ये छोटे-छोटे कीड़े पौधों पर समूह में मौजूद होते हैं। ये पौधों पत्तों एवं नए तनों का रस चुसकर पत्तियों एवं पौधों को पीला बना देता है। जिससे पौधे सूखकर मर जाते हैं। ये कीड़े के नियंत्रण हेतु 0.1 प्रतिशत मालाथियान या पाराथियान का छिड़काव सप्ताह में एक बार तब तक करना चाहिए जब तक कि कीड़े पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हो जाए। इस दवा की मात्रा एक हेक्टेयर में दो लीटर होती है।