किसान भाईयों मिट्टी परीक्षण कब व क्यों और कैसे कराएं। आइये जानते हैं...
👉मिट्टी परीक्षण कब कराएं:
फसल की कटाई हो जाने अथवा परिपक्व खड़ी फसल में।
प्रत्येक तीन वर्ष में फसल मौसम शुरू होने से पूर्व एक बार।
भूमि में नमी की मात्रा कम से कम हो।
👉मिट्टी परीक्षण क्यों कराएं:
सघन खेती के कारण खेत की मिट्टी में उत्पन्न विकारों की जानकारी।
मिट्टी में विभिन्न पोषक तत्वों की उपलब्धता की दशा का बोधक।
बोयी जाने वाली फसल के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता का अनुमान।
संतुलित उर्वरक प्रबन्ध द्वारा अधिक लाभ।
👉मिट्टी परीक्षण कैसे कराएं:
एक एकड़ क्षेत्र में लगभग 8-10 स्थानों से ‘V’ आकार के 6 इंच गहरे गहरे गढ्ढे बनायें।
एक खेत के सभी स्थानों से प्राप्त मिट्टी को एक साथ मिलाकर ½ किलोग्राम का एक सन्युक्त नमूना बनायें।
नमूने की मिट्टी से कंकड़, घास इत्यादि अलग करें।
सूखे हुए नमूने को कपड़े की थैली में भरकर कृषक का नाम, पता, खसरा संख्या, मोबाइल नम्बर, आधार संख्या, उगाई जाने वाली फसलों आदि का ब्यौरा दें।
नमूना प्रयोगशाला को प्रेषित करें अथवा’ ‘परख’ मृदा परीक्षण किट द्वारा स्वयं परीक्षण करें।