खीरे की खेती कैसे करे| kheere ki kheti | Khire ki kheti kaise kare | cucumber farming | khira
खीरे की खेती कैसे करें
खीरे की खेती जायद और खरीफ़, दोनों सीजन में की जाती है. किसानों के लिए इस फसल की खेती बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि बाजार में इसकी मांग लगातार बनी रहती है. देश के कई राज्यों में किसान खीरे की खेती करते हैं. खास बात है कि इस फसल की खेती ग्रीन हाउस में सालभर आसानी से हो सकती है. ऐसे में किसानों को खीरे की अधिकतम पैदावार देने वाली किस्मों का चयन करना चाहिए. इससे उन्हें मुनाफ़ा भी अधिक मिलता है. बता दें कि देश में खीरे की कई उन्नत किस्में विकसित हो चुकी हैं. किसान इन किस्मों की बुवाई करके खीरे की खेती को सफल बना सकते हैं. आइए आपको इस लेख में खीरे की कुछ उन्नत किस्मों की विशेषताएं और पैदावार की जानकारी देते हैं.
दोमट या बलुई मिट्टी फायदेमंद
इसकी खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन आप अगर बहुत अच्छी पैदावार चाहते हैं, तो ऐसी जगह का चुनाव करना होगा जहां पानी की अच्छी निकासी वाली दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी हो. खीरे की खेती नदी या तालाब के किनारे भी हो सकती है. इसके लिए जमीन का पीएच 5.5 से लेकर 6.8 तक अच्छा माना जाता है.
खीरा की खेती : खाद व उर्वरक
खेती की तैयारी के 15-20 दिन पहले 8 ट्राली /एकड़ की दर से सड़ी गोबर की खाद मिला देते हैं। खेती की अंतिम जुताई के समय 50 कि.ग्रा नाइट्रोजन, 50 कि.ग्रा फास्फोरस व 50 कि. ग्रा पोटाशयुक्त , 10 kg सल्फर उर्वरक मिला देते हैं। हर महीने एक बैग यूरिया डाल दें।
निराई-गुड़ाई
खेत में खुरपी द्वारा खरपतवार निकालते रहना चाहिए। ग्रीष्मकालीन फसल में 15-20 दिन के अंतर पर 2 बार निराई-गुड़ाई करनी चाहिए तथा एक बार मिटटी लगानी चाहिए। वर्षाकालीन फसल में 15-20 के अंतर पर 4-5 बार निराई-गुड़ाई की आवश्यकता पड़ती है। वर्षाकालीन फसल के लिए जड़़ों में मिट्टी चढ़ा देना चाहिए।
बीज की मात्रा एवं बुवाई।
प्रति हेक्टेयर बुवाई हेतु 2 से 2.5 किग्रा. बीज की आवश्यकता होती है। इसकी बुवाई लाइन में करते हैं। ग्रीष्म के लिए लाइन से लाइन की दूरी 1.5 मीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी ७75 सेमी. रखते है। वर्षा वाली फसल की वृद्धि अपेक्षाकृत कुछ अधिक होती है अत: इसकी दूरी बढा देना चाहिए इसमें लाइन से लाइन की दूरी 1.5 मीटर तथा पौधे से पौधे की दूरी 1.0 मीटर रखना चाहिए।
खीरे की उन्नत किस्में
जापानीज लाग, ग्रीन पोइनसेट, खीरी पूना, फैजाबादी तथा कल्याणपुर मध्यम इत्यादि॥
भारतीय किस्में- स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम और खीरा 75 आदि प्रमुख है।
, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि प्रमुख है।
संकर किस्में- पंत संकर खीरा- 1, प्रिया, हाइब्रिड- 1 और हाइब्रिड- 2 आदि प्रमुख है।
विदेशी किस्में- पोइनसेट आदि प्रमुख है।
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