बाजरा की खेती मुनाफे की खेती
बरसातकालीन बाजरा की खेती करने के लिए ग्रीष्म काल में गहरी जुताई कराये बाजरा के लिए हर प्रकार की मिट्टी में खेती की जा सकती है बरसातकालीन कालीन बाजरा के लिए जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए दीमक की शिकायत होने पर 5 से 7 केजी प्रति एकड़ पोर्ट आखिरी जुताई पर भुरकाब कर मिला दें देशी खाद का 10 टन प्रति एकड़ प्रयोग करें इसके लिए 1.5 के जी से 2 केजी बीज प्रति एकड़ प्रयोग करें राशि .पायोनियर. वायर. कृष्णा धान्या आदि कंपनी के बीज का चयन कर सकते हैं जुलाई के प्रथम सप्ताह में इसकी बिजाई करें 20 दिन के आसपास निराई गुडाई करें और पर्याप्त नमी होने पर 25 केजी यूरिया का भुरकाब करें 15 दिन के अंतराल पर 25 केजी यूरिया का भुरकाब करें बरसातकालीन कालीन बाजरा में कीटों का प्रभाव कम रहता है फूल आने पर अगर वारिस नही है तो सिचाई करें 90 दिन के आसपास जब इसकी कड़वी हल्की पीली होने लगे बाली ठोस हो जाये इसकी कटाई कराकर बाली योगी को सुखाकर थिरेसिगं कराये इसमें से पशुओं के लिए चारा प्राप्त होता है बाजरा का उत्पादन 12 से 25 कुन्तल प्रति एकड़ प्राप्त हो जाता है