अपना पशु चिकित्सक : बकरियों में प्रतिरोधक कृमियों की समस्या | Apna Pashu Chikitshak | Oct.24, 2021
अपना पशु चिकित्सक (IH)
विषय - बकरियों में प्रतिरोधक कृमियों की समस्या
विशेषज्ञ - डा. तरुम कुमार वरुण-सर्जन, पशुपालन विभाग करनाल, हरियाणा सरकार|
कृमियों की समस्या से अक्सर बकरीपालकों को नुक्सान उठाना पड़ जाता हैं। सामान्य कृमि तो कृमिनाशक दवा से ख त्म हो जाते हैं। लेकिन ऐसे कृमि जो कृमिनाशक दवा की सामान्य मात्रा देने के बाद भी बच जाते हैं उन्हें प्रतिरोधक कृमि कह जाता है। प्रतिरोधक कृमि, सामान्य कृमि की तुलना में ज्यादा नुकसान पहुँचाते हैं। प्रतिरोधक कृमि बकरी के पेट और आंतों में रहकर अण्डे पैदा करने लगते हैं। ये अण्डे मल के साथ वातावरण में आ जाते हैं। जब बकरियां घास चरती हैं तो अंडों से निकला लारवा घास के साथ शरीर में प्रवेश कर जाता हैं। और पुनः प्रजनन कर अंडे पैदा करने लगता हैं। इसके असर से बकरियों में खून की कमी और वजन कम होने की समस्या आने लगती है।