अब #नीले_आलू का भी उत्पादन शुरू हो गया है।
यह सामान्य आलू के मुकाबले कई गुना ज्यादा पौष्टिक होता है।
हमारे भोजन का अभिन्न अंग रहा आलू अब ब्लू हो गया है। इसका छिलका और मांसल भाग भी ब्लू होता है। एक बार में शायद आप इस बात पर यकीन नहीं कर पाए लेकिन निकट भविष्य में यह आपके प्लेट तक पहुंच सकता है। फिलहाल इसकी खेती बेहद प्रारंभिक दौर में हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के बाद डेवेलप किए गए इस आलू का नामकरण भी अभी नहीं हुआ हैं। फिलहाल वैशाली के रहने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किसान जितेंद्र कुमार सिंह ट्रायल के तौर पर इसकी खेती कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के देखरेख मे लालगंज प्रखंड के नामिडिह गांव में इसकी खेती की जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो इस आलू के ब्लू रंग के पीछे एंथोसाइएनिन नामक तत्व जिम्मेदार है। यह तत्व एक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है जो शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालने का काम करता है।यह मधुमेह और ह्रदय के मरीजों के लिए भी काफी असरदार है । इससे शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ता है।
इसके कंदों का साइज गोल व औसत वजन 60-80 ग्राम है। वही प्रगतिशील किसान जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया की यह नवविकसित आलू किसानों के लिए भी आर्थिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। इसका स्वाद लगभग आम आलू जैसा ही होता है।बहुत सारे लोग इसे हाफ बॉयल्ड करके खाना पसंद करते हैं।