Podcast|2096|POLLINATION AND FERTILISATION|Ram Kisan|किसान पाठशाला BALRAM KISAN
परागण कितने प्रकार का होता है पर परागण और स्वपरागण.
और कितनी चीजों से परागण हो सकता है.
अब समझ में परागण होता क्या है.
परागकण का वर्तिका तक पहुंचना परागण कहलाता है.
प्रयोग प्रजनन प्रक्रिया अपने आप नहीं होती है.
प्रजनन प्रक्रिया के लिए किसी माध्यम की जरूरत होती है.
परागण अपने आप वर्तिका तक नहीं पहुंच पाए.
उन्हें किसी माध्यम की आवश्यकता होती है.
अब इसके सहयोगी कई चीजें हो सकती है जैसे हवा के द्वारा हो सके.
कीड़े मकोड़ों के द्वारा हो सकता है.
यह प्राय आपने देखा होगा कि मधुमक्खी के द्वारा होता है बहरे के द्वारा हो सकता है.
इसको हम ऐसे समझते हैं कि जब.
कोई मधुमक्खी किसी फुल पर बैठ.
वहां परागण उसके पैरों में चिपक जा.
उसमें छोटे-छोटे छोटे-छोटे छिद्र होते हैं.
पुष्पराजगढ़ या फूल पर बैठने पर वह परागण उसके पैरों में चिपक.
जब मधुमक्खी उड़के.
इसको ऐसे समझते हैं कि जब एक मधुमक्खी किसी फूल पर बैठी.
वहां पर उसके पैरों में परागकण लग जा.
और जब मधुमक्खी वहां से मुंह होती है या हल्की दोस्ती है या.
वाटिका पर जाकर बैठती है.
तू जब बुगाटी कहां पर जा कर बैठी है तो वाटिका में एक चिपचिपा पदार्थ
तीसरे नंबर पर होता है एनीमोफिली याने की हवाओं के द्वारा परागण.
इसे हम एक एग्जांपल से समझते हैं कि जैसे गेहूं का खेत देखा होगा आपने बहुत बड़ा गेहूं का खेत होता है या धान का खेत देखा होगा बहुत बड़ा धान का खेत होता है.
ऐसी परिस्थिति में भैरव के द्वारा परागण संभव नहीं होता.
जब तेज हवाएं चलती है तब हवा के द्वारा उन में परागण होता है और उसे हम कहते हैं एनीमोफिली पराग.
इसके अलावा पानी के द्वारा परागण होता है जिसको हाइड्रोफिली कहते हैं जलीय पौधों में परागण हाइड्रोफिली कहलाताहै हाइड्रोफिली के द्वारा होता है अब यहां पर एक कन्फ्यूजन होता है कि कमल का परागण कैसे होता है तो कमल का परागण बोरो के द्वारा होता है ना कि हाइड्रोफिली प्रोसेस के द्वारा होता है.
और एक परागण होता है जो फिल्म.
बड़े-बड़े जीव जंतुओं के द्वारा जो परागण की प्रक्रिया होती है उसे जोशीली कहते हैं.
जैसे मान लीजिए कि आप किसी बगीचे में घूमने गए हैं और घूमते घूमते आपने फूलों पर एक हाथ घुमाया और घुमाते घुमाते चले गए आगे की हो.
उस परिस्थिति में आपके हाथ से.
जो परागण होगा.
वह जो पीली परागण कहलाता है इसका सबसे अच्छा एग्जांपल है हाथियों के द्वारा होने वाला परागण.
दुनिया का सबसे बड़ा फूल आता है जिसका नाम है रिप्लेस या.
जिसका वजन तकरीबन 40 किलो के आसपास होता है.
हाथी क्या करता है प्रायर उस रिप्लेस या फूल से अपनी सुन के द्वारा उसका रस चूसता है और फिर किसी दूसरे फुल में जाकर अपना रास्ता है तो उसकी जो सूंड होती है उस सुन में परागण की प्रक्रिया के कारण लग जाते हैं जिससे वह इधर से उधर हो जाते हैं तो इस प्रक्रिया को हम जोफीलिया प्रक्रिया कहते हैं.
अब परागण को थोड़ा सा समझते हैं परागण प्रयोग 2 तरीके का होता है.
एक होता है वह परागण और एक होता है पर परागण.
स्वपरागण का एग्जांपल होता है कि एक ही पेड़ में परागण की प्रक्रिया हो जाती है तो उसे कहते हैं स्वपरागण.
और पर परागण जब एक पेड़ से दूसरे पेड़ में परागण की प्रक्रिया होती है तो उसे कहते हैं पर परागण पर परागण को पराया cross-pollination कहा जाता है.
एक होता है स्वपरागण self-pollination और एक होता है पर परागण याने की cross-pollination तो सवाल यह उठता है कि अच्छा कौन सा होता है तो cross-pollination को अच्छा माना जाता है.
स्वपरागण में.
जाने की self-pollination प्रक्रिया में जो अगली नस्ल आती है वह उतनी अच्छी नहीं होती है जो cross-pollination के केस में आती है अगली नस्ल जो आएगी वह काफी अच्छी हो.
अब हम समझते हैं कि निषेचन क्या होता है.
अगर आपसे कोई पूछे कि परागण कहां पर होता है तो पर परागण वर्तिका पर होता है.
जब परागण वर्तिका से नीचे की ओर उतर जाते हैं अंडाशय में चले जाते हैं तो इसे हम कहते हैं निषेचन.
अब आगे बढ़ते हम युग्मक की ओर.
जिसे इंग्लिश में कहते हैं गमेती.
जहां पर मेल और फीमेल का जो पाठ आपस में मिलना चाहता है उसे कहते हैं युग्मक.
जैसे हम मेल में बात करेंगे तो इस पर और फीमेल में बात करेंगे तो वह बम यही मैच करते हैं तो अगली संतान बनती है इसी को हम कहते हैं युग्मक.
जेमिति.
और जब भी आपस में मिल जाते हैं तो उसे कहते हैं युग्म डांट जाएगा.
और यह जागोट जब तक जन्म नहीं ले लेता है तब तक भ्रूण कहलाता है जिसे हम इंग्लिश में कहते हैं एंब्रोस.
यहां से हमें समझ में आता है कि युग्मक जो है.
यह.
यहां पर दोनों अलग-अलग रहते हैं और जब युग्मक से आगे प्रक्रिया बढ़ जाती है तो युग में आज बनता है और युग्मनज में दोनों मिल जाते हैं मेल फीमेल दोनों मिल जाते हैं और जब युग्मनज मिलकर अगली प्रोसेस में जाता है तो उस प्रोसेस पहन के तरुण जहां से बच्चा बनना प्रारंभ हो जाता है यानी कि नेक्स्ट जनरेशन स्टार्ट हो जाए.
अब यहां हम समझते हैं निषेचन के बारे में निषेचन जाने की फर्टिलाइजेशन.
जब परागण निषेचन तक पहुंच जाता है निषेचन से नीचे जब वह परागकण जाता है अंडाशय तक तो एक प्रक्रिया होती है और उस प्रक्रिया को क्रॉस करते वक्त सिर्फ दो ही परागकण अंडाशय तक पहुंच पाते हैं.
अब जो परागकण नीचे आया है वह परागण क्या करता है कि एक अंडे के साथ मिलकर एक ग्रुप बना लेता है जिसे हम युग मना किया जाए गोट कहते हैं.
अब जाए गोट ही यहां पर धीरे-धीरे बड़ा होकर फल का रूप लेगा.
अब यह फल बड़ा होता है तो इस फल को भोजन कहां से मिलता है इस फल को भोजन मिलता है इंडो स्पम द्वारा.
अब समझते हैं कि इन डोस्पन क्या होता है मादा के पास.
3 अंडे होते हैं किसी भी फुल में.
जिसमें एक ही अंडा निषेचन में भाग लेता है.
अब अंडाशय में कुल जो बचा हुआ है वह दो अंडे बचे हैं.
माता के और एक परागकण जो बाहर से आया था.
अब जो अलग वाला परागकण है वह.
बाकी से एक ग्रुप बना लेता है.